एक तस्वीर बन…
एक तस्वीर बन के रहते हैं अब न जीते हैं और न मरते हैं पाक दामन रहे हमेशा हम हम...
एक तस्वीर बन के रहते हैं अब न जीते हैं और न मरते हैं पाक दामन रहे हमेशा हम हम...
ख़ुदेजा ख़ान जी को जन्मदिन की बधाई । प्रस्तुत है उनकी पांच कविताएँ । आप सक्रिय साथी हैं । संवेदना...
चित्रांकन :- डा. सुनीता वर्मा। झूले में दीदी-भइया आओ ना मम्मी-पापा आओ ना मैं बैठी हूं झूले में आकर जरा...
मांतगे हे धनहा म धान बड़ मगन हे किसान उत्ती ले सुरूज हा लावत हे बिहान बबा हा मुसुर मुसुर...
सखियों! घर के पर्दे, सोफा कवर तो बदलोगी ना अपने सोचने का तरीका भी बदल देना दीयों को जब तेल...
(बाल दिवस की बधाई! बच्चे ही बनाएंगे देश को और बेहतर...) इस अराजक दौर में विश्वास हैं बच्चे आस्थाओं के...
वो कहते हैं क्या लिखती हो हंसकर इतना कह देती हूँ । माँ की लोरी, पापा का लाड़ दादी-नानी भी...
जिसने माटी से दीप बनाये जिसने कच्ची घानी से कडु तेल निकाला जिसने खेत में पसीना बहाके उगाया कपास बाती...
कहने सुनने वाली भाषा, शान मर्यादा रखती है। केवल कहने सुनने से जो, दुख भी आधा करती है। बातचीत ऐसा...