May 13, 2024

एक धंधेबाज नकली कवि ने असली कवि से कहा..
मेरे पास बड़े बड़े मंच हैं
हजारों की भीड़़ है..
भीड़़ की तालियां हैं..
मोटे मोटे लिफाफे हैं..
टीवी चैनल हैं..
दौलत है, शोहरत है..
तुम्हारे पास क्या है..!

असली कवि ने कहा..
” मेरे पास कविता है.. !! ”

( लक्ष्मी शंकर वाजपेयी )

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