अन्तःकरण का आयतन : मुक्तिबोध
मनुष्य का अन्तःकरण उसे उचित-अनुचित के निर्णय लेने का विवेक प्रदान करता है। मुक्तिबोध अपने साहित्य में बहुत से नए...
मनुष्य का अन्तःकरण उसे उचित-अनुचित के निर्णय लेने का विवेक प्रदान करता है। मुक्तिबोध अपने साहित्य में बहुत से नए...
- के० पी० अनमोल हिंदी भावधारा की ग़ज़लों के रचनाकार निरंतर अपनी विधा को समृद्ध करते जा रहे हैं। ख़ूब...
भारत मे ब्रिटिश साम्राज्य का अधिपत्य होना इसके 'भाग्य' के लिए उचित नहीं कहा जा सकता। साम्राज्यवाद चाहे जो भी...
चमकीला मेरे जेहन पर वैसा प्रभाव नहीं छोड़ पायी जैसा मैंने सोचा था या उम्मीद की थी। शायद इम्तियाज़ अली...
हृदय का खिलना गुलाब खिलने से कहां कम है ! और, मित्र का मिलना क्या हृदय खिलने की क्रिया का...
डाँ.बलदेव लइकन मन ल सुन्दर संस्कार देहे अउ सिक्छीत करे बर सिसुगीत अउ बालगीत सबले सरल अउ आसान साधन आय।...
होलिका दहन के उपरांत काफी थके होने के कारण घोड़ा बेचकर गहरी नींद में सो गया था। तभी रोना- गाना...
डॉ रामविलास शर्मा और नामवर सिंह जी हिंदी की प्रगतिशील आलोचना की उपलब्धि हैं। रामविलास जी उम्र में नामवर जी...
श्रीपत राय कहानी पत्रिका के नववर्षांक १९५७ में संपादक का आलेख. आज कोई लिखें तो क्या हम कल्पना कर सकते...
होली अपने अनुसार कभी भी मनाएं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार पंचांग में बताए गए नक्षत्र मुहूर्त और तिथि पर विचार...