पिता एक अंतहीन आकाश है : संजय राठी
‘रिश्तो का फरिश्ता’ जीवन दाता की जीवन गाथा का विमोचन
रायपुर की संस्था शांति राधा फाउंडेशन के तत्वाधान में शनिवार को संजय राठी की लिखी पुस्तक ‘रिश्तो का फरिश्ता’ का विमोचन हुआ। इस कार्यक्रम के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. महंत रामसुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल तथा हरिभूमि के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी थे।
आयुष राठी ने स्वागत उद्बोधन दिया। वहीं विजय राठी ने एसआर फाउंडेशन का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि राठी बंधु ग्रुप का चेरिटेबल फाउण्डेशन है। मानव सेवा ही माधव सेवा है के सुवाकी से इस ट्रस्ट की शुरुआत हुई है। शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, वृद्धों की सेवा (ओल्ड एज केयर) इस ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम के दौरान सत्य साई हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद डिस्चार्ज होने वाले बच्चों बलौदाबाजार के प्रियांशु सेन और जमशेदपुर (झारखंड) की अनन्या कुमारी वर्मा को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
किताब के लेखक संजय राठी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि में कोई पेशेवर लेखक नहीं, साधारण बेटा हूं जो अपने परिवार से बहुत प्यारा करता हूं। पिता वो रंग हीन तस्वीर है जिसके रंगों से रंगीन उसके औलाद की तस्वीर है। पिता एक अंतहीन अनंत आकाश है। किस्मत वाले हैं वो जिनके पिता उनके पास हैं। पिता मां से भी ज्यादा कोमल होता है, कोमलता मां के हिस्से आ गई और पिता को कठोर बनना पड़ा। पिता की आंखों में जिम्मेदारियों का विशाल समंदर होता है। पिता बरगद के पेड़ के नीचे छांव की तरह होता है। पिता सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों के लिए जीता है। इस किताब की प्रेरणा बाबूजी के जाने कद महसूस किया सच्चा प्रेम क्या होता है। प्रेम आंखों से बयां होता है। जब किताब लिखने का वादा किया तब, मां सबसे ज्यादा खुश हुई।
अजय राठी ने संजय राठी की किताब और उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिता पुत्र के रिश्ते में एक समय ऐसा आता है जब पिता पुत्र और पुत्र पिता बन जाता है।
भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये हर पीढ़ी के हर परिवार की महिमा है। छोटा बेटा माता पिता के प्यारा होता है, इसलिए वह कुछ लिखने की ताकत रखता है। उसकी ताकत विजय और अजय बढ़ाते हैं। हर पिता रिश्ते का फरिश्ता होता है। नई पीढ़ी क्या इन रिश्तों को मान पाएगी, उनका पालन करा पाएगी। निश्चित तौर पर ये किताब नई पीढ़ी को संजीवनी देगी।
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि मेरा मानना है कि संजय राठी ने ये पुस्तक लिखी नही गई है ईमानदारी से आपके पिता ने लिखवाया है। जीवात्मा जगत की एक किताब है। ये किताब भी उसी तरफ दो बेटों की कहानी मां ने लिखी है।
वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि यह कार्यक्रम किताब के लोकार्पण का नहीं संस्कार के लोकार्पण का है। संजय राठी ने समाज के भीतर एक संवेदना पेश की है।
छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर महाराज ने कहा कि आज का कार्यक्रम सब के लिए प्रेरणा दायी है। राधाकिशन राठी ने गोस्वामी तुलसीदास के कथनों को चरितार्थ किया है।