दीपावली
चल रे वैरागी मन दीपावली मनाते हैं,
चल रे वैरागी मन,दीप जला कर आते हैं ।
राम-लखन जब घर को आये ,
बध रावण बलशाली ।
गांव गांव में धूम मची,
घर घर मनी दिवाली ।।
काम, क्रोध,मद,लोभ,
को मनसे आज भगाते हैं।
चल रे बैरागी मन ________________(1)
सबके मन मे धूम मची,
और मचा उल्लास ।
मन में मेरे भक्ति,बसी है
फूटे प्रेमप्रकाश ।।
बनी रहे चहुंओर शांति
गीत यही हम गाते है ।
चल रे बैरागी मन ________________(2)
शीतल बहे पवन
झूम रही हरियाली ।
रहे उजाला हर घर मे,
रहे न कोई घर खाली।।
मधुर मधुर मनमोहक मधुवन,
मन विचलित कर जाते हैं।
चल रे बैरागी मन ________________(3)
🕯️🕯️🕯️🕯️🕯️ ”
HAPPY DIWALI ”
(यह मेरी मौलिक रचना है )
” मुल्क मंजरी ”
भगवत पटेल
2/सी-9, वृन्दावन कालोनी, लखनऊ