कभी अपराध की गुत्थियां सुलझाते दो IPS, अब साहित्य की साधना में लीन, इनकी किताबों का राज्यपाल उइके ने किया विमोचन
छतीसगढ़। जिस मानव के ह्रदय में कला व साहित्य के प्रति अगाध और अटूट लगाव हो उनमें संवेदनशीलता कूट कूट कर भरी होती है। हां, कुछ ऐसे भी व्यक्ति समाज में हैं, जिन्हें साहित्य का असीम लगाव है। जब भी उन्हें जीवन की व्यस्तता के बीच फुर्सत के कुछ पल मिलते हैं तो के काव्य की रचना करने का मौका नहीं छोड़ते।
आखिरकार, इस भागमभाग जिंदगी में कई टुकड़ों में की गईं रचनाएं एक किताब की सम्पूर्णता का रूप ले ही लेती हैैं। ऐसे ही छत्तीसगढ़ के दो पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी भी हैं। जो रिटायर्ड होने के बाद अब साहित्य की साधना में लीन हैं। आज इनकी रचनाएं समाज को इन नई सोच और साहित्य के भावों के जरिये संवेदना के साथ आसपास घट रहे परिदृश्य को शब्द संसार की दुनिया में साकार रूप में अद्भुत दर्शन प्रस्तुत किया है।
बता दें, साहित्यकार डॉ० किशोर अग्रवाल के काव्य संग्रह “जरा सी धूप” तथा जयंत कुमार थोरात के कहानी संग्रह “दोस्त अकेले रह गये” का संयुक्त विमोचन छत्तीसगढ की राज्यपाल अनुसुइया उइके जी द्वारा संपन्न किया गया।इसके लिये राजभवन में एक गौरवपूर्ण समारोह आयोजित हुआ जिसमें लेखक द्वय के नजदीकी महानुभाव व राजभवन के वरिष्ठ अधिकारीगण सम्मिलित हुए। दोनों लेखकगण आईपीएस अधिकारी हैं व छत्तीसगढ पुलिस के डीआईजी पद से सेवानिवृत हुए हैं । इस अवसर पर राज्यपाल जी ने दोनों लेखकों व उनके परिवार को अपनी शुभकामनाएं दी। सेवानिवृत्ति के बाद दोनों अधिकारी साहित्यिक व सांस्कृतिक कार्यों मे रचनात्मक समय बिता रहे हैं व इसकी उन्हें हार्दिक प्रसन्नता है।