छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह “भुंइया मं अकास”विमोचित
विजय मिश्रा’अमित’
रायपुर। छत्तीसगढ़ के लब्धप्रतिष्ठ गजलकार श्री रामेश्वर वैष्णव की सत्रहवीं कृति “भुंइया मं अकास”का विमोचन मुख्य अतिथि -श्री अशोक नारायण बंजारा जी (सुसिद्ध गीतकार एवं जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर) के करकमलों से सम्पन्न होटल हयात में गरिमामय समारोह में हुआ। उन्होंने वैष्णव जी की ग़ज़लों का उद्धरण देते हुए विशेषताओं को रेखांकित किया।अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामेश्वर शर्मा ने वैष्णव जी को छत्तीसगढ़ी का प्रथम गजलकार सप्रमाण निरुपित किया।मुख्य वक्ता डा.माणिक विश्वकर्मा नवरंग ने भुंइया मं अकास को ऐतिहासिक कृति की संज्ञा दी एवं इसमें प्रयुक्त प्रयोग को छत्तीसगढ़ी की विराट अभिव्यक्ति क्षमता का द्योतक माना। संचालन करते हुए कवि संजय कबीर शर्मा ने वैष्णव जी की दीर्घ साधना के प्रतिफल के रुप में कृति का मूल्यांकन किया।इस गरिमामय समारोह में बंधु राजेश्वर खरे,अमित शुक्ला, राहुल सिंह,शशांक खरे,गौरव शुक्ला, शेष शुभ वैष्णव, ध्रुव कुमार शुक्ल, महेंद्र अजनबी,श्रीशुभ,गिरजाशुक्ला, अनिरुद्ध दुबे सदृश साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।