मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे साहित्यकारों का सम्मान और पुस्तकों का विमोचन
रायपुर। छत्तीसगढ़ी स्वाभिमान के पहले जलसे के रूप में दो दिवसीय छत्तीसगढ़ी साहित्य महोत्सव का आयोजन मैग्नेटो मॉल के सामने स्थित क्लार्क इन होटल में 19 एवं 20 मार्च को किया जा रहा है. इस महत्वपूर्ण आयोजन में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल साहित्यकारों का सम्मान और पुस्तकों का विमोचन करेंगे.महोत्सव में छत्तीसगढ़ी भाषा, साहित्य और संस्कृति के उन्नयन, स्वाभिमान और वर्तमान स्थिति पर विभिन्न सत्रों में गंभीर चर्चा भी होगी.
यह आयोजन अपना मोर्चा डॉट कॉम, छत्तीसगढ़ मित्र, वैभव प्रकाशन शिक्षादूत प्रकाशन और अन्य सहयोगी संस्थाएं मिलकर कर रहे हैं. आयोजन समिति के प्रमुख डॉ. सुधीर शर्मा, राजकुमार सोनी एवं सत्यप्रकाश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि साहित्य महोत्सव में छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी के बढ़ते परिदृश्य, साहित्य संस्कृति और स्वाभिमान, हिंदी और छत्तीसगढ़ी के अंतर्सबंध, छत्तीसगढ़ी साहित्य के विविध आयाम, संस्कृति, पत्रकारिता और कला के विषयों पर संगोष्ठी के माध्यम से चर्चा होगी.
महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत की अध्यक्षता, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, विधायक सत्यनारायण शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल और कुलपति डॉ केशरी लाल वर्मा के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न होगा.
चार सत्रों में आयोजित संगोष्ठी में प्रदेश के नामचीन विद्वान छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य की समकालीनता, विभिन्न विधाओं में लेखन, हिंदी और अन्य भाषाओं के साथ अंतर्संबंध सहित अन्य कई मसलों पर विचार व्यक्त करेंगे. प्रथम दिन रमा जोशी बहनों के गायन के अलावा वनांचल गेड़ी नृत्य संस्था डौंडीलोहारा की प्रस्तुति होगी. महोत्सव में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के चयनित प्रतिभागियों को आमंत्रित किया गया है.
महोत्सव में छत्तीसगढ़ी के वरिष्ठ साहित्यकारों को महानदी शिखर सम्मान, शिवनाथ स्वाभिमान सम्मान, महिला साहित्यकारों को कौशल्या सम्मान, युवाओं को हरेली युवा सम्मान और हिंदी में छत्तीसगढ़ को महत्व देने वाले साहित्यकारों को महाप्रसाद समन्वय सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. इस मौके पर छत्तीसगढ़ी और हिंदी में लिखित 35 से अधिक पुस्तकों का विमोचन भी होगा.
इस अवसर पर चुनिंदा पुस्तकों की दो दिवसीय प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी.
आयोजन में छत्तीसगढ़ के 36 कवि रात्रि को आयोजित कवि सम्मेलन में अपनी कविताओं का पाठ भी करेंगे.
अभी हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ी बोली-बानी और भाषा में लिखित स्थानीय रचनाकारों की पुस्तकों की खरीद का फैसला भी लिया है. लेखकों के एक बड़े वर्ग ने उनके इस फैसले का स्वागत करते हुए धन्यवाद ज्ञापित करने का निर्णय भी लिया है.
छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी के स्वाभिमान के लिए लेखकों, पाठकों, संस्कृति कर्मी, पत्रकारों, शिक्षाविद् और चिंतकों का एक साथ जलसा पहली बार हो रहा है. कार्यक्रम में प्रदेश के पांच सौ से ज्यादा लेखकों, संस्कृतिकर्मियों के जुटने की संभावना है.
इस आयोजन समिति में छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर, छंद के छ, संस्था गोरसी के अलावा अनेक संस्थाओं की भागीदारी भी रहेगी.इस बाबत् एक आयोजन समिति गठित की गई है. आयोजन को छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क और संस्कृति विभाग के अलावा अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं ने सहयोग प्रदान किया है.