November 23, 2024

दुःख सहकर सुख की ओर चलना होगा,
फूलों से अगर करनी है दोस्ती तो काॅंटों को सहना होगा ।

दर्द बढ़ता है तो बढ़ने दे, बस मुस्कराना होगा,
व्यथित हृदय उल्लास से भरना होगा ।

धीमे-धीमे गुजर जायेंगी काली गम भरी रातें,
नित कर्म पथ पर अडिग रहना होगा ।

झूठ, कपट, छल, धोखों का बाजार गरम,
सबसे बचना होगा, बच-बचकर चलना होगा ।

बेदर्द जमाना भारी, सहयोग नहीं सलाह देगा
नयनों से अश्रु पोंछ, सुन जग की मन का करना होगा ।

भीतर से मिटा दुर्गुण सारे आज – अभी
पुष्पों सा खिलना होगा, जग महकाना होगा ।

औरों की पीर मिटा, दीपक सा जलना होगा,
दुःख सहकर सुख की ओर चलना होगा ।

– मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
ग्राम रिहावली, डाक घर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, उत्तर प्रदेश, 283111

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