इतिहासों में जाकर देखो
सुनो समय के नए विधाता
प्रभुता की लघुता के क़िस्से
दुनिया भूल नहीं पाती है
शब्द भेदने वाली विद्या
लक्ष्य भेदने में जब चूके
किंचित् लापरवाही से भी
अगर किसी की दुनिया लूटे
सारा पौरूष एक हाय के
आगे सदा विफल होता है
और प्रतापी विधि के हाथों
इक दिन बहुत विवश होता है
जगत नियंता को गोदी में
रखने वाली सत्ता का सच
गली-गली में बिना हिचक के
कितनी सदियॉं दुहराती हैं
प्रभुता की लघुता के क़िस्से
दुनिया भूल नहीं पाती है
प्रिय शिष्य को सोते में भी
रण-कौशल सिखलाने वाले
राजमहल की तुष्टि ख़ातिर
जंगल को बहलाने वाले
सर्वश्रेष्ठ जैसी उपाधियॉं
अर्जुन को जब दिलवायेंगे
कटे अंगूठे की पीड़ा को
उस क्षण तो सब झुठलायेंगे
अर्जुन हित संकल्पित पापी
गुरूकुल मौन भले रह जाए
एकलव्य की द्रोण कहानी
आज तलक चलती जाती है
प्रभुता की लघुता के क़िस्से
दुनिया भूल नहीं पाती है
एक अधम को समझाने में
अगर देवता असफल होंगे
तभी मनुष्यों की क़िस्मत में
महानाश के दुष्फल होंगे
भुवन मोहनी वंशी वाले
पाँचजन्य को जब थामेंगे
त्रिगुणों के स्वामी जब रण में
अश्वों की वल्गा साधेंगे
गांधारी की पीड़ा से तब
शांति-दूत अभिशापित होगा
मनुज-व्यथा फिर दैन्य देव की
पूरी पीढ़ी खा जाती है
इतिहासों में जाकर देखो
सुनो समय के नए विधाता
प्रभुता की लघुता के क़िस्से
दुनिया भूल नहीं पाती है
— अनुपम प्रियदर्शी