‘सुभाष की खोज”
लेखक – डॉ ब्रजेश वर्मा
कुछ प्रश्न सदैव अनुत्तरित रहते हैं। दुर्भाग्य से यह प्रश्न जब करोड़ों लोगों के हृदय को वर्षो बाद भी ग्लानि से भर देने की सामर्थ्य रखता हो तो इसे देश का दुर्भाग्य ही माना जा सकता है। ऐसे प्रश्न की पीड़ा का दंश भोगते हुए न जाने कितने स्वप्न धूल-धूसरित हो गए।देश के सर्वप्रिय देशभक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमयी मृत्यु ने देश में उन्नति की अपार संभावनाओं को अप्रत्याशित रूप से पीछे धकेल दिया। यदि उनकी कार्य योजना अपनी पूर्णता को पहुँचती तो आज भारत का इतिहास कुछ और होता।
इस संवेदनशील विषय को यदि एक सिद्धहस्त लेखक आदरणीय डॉ ब्रजेश वर्मा की कलम स्पर्श करे तो निश्चित तौर पर इस संवेदना से गुजरना और उस स्वप्न को महसूस करना आसान होगा जिसे हमारे प्रिय नेता सुभाष चंद्र बोस ने देखा था ।
विषय वस्तु की कसावट ,सहजता और सरल प्रवाह बहुत प्रभावित करता है ।
आपको इस पुस्तक हेतु हार्दिक शुभकामनाएं डॉ ब्रजेश वर्मा जी।
डॉ उर्वशी भट्ट-