इज़हार
एक रोज़ जब तुम न आई इंतज़ार तुम्हारा करते हुए, याद तुम्हारी बहुत सताई बात तब समझ में आई ।...
एक रोज़ जब तुम न आई इंतज़ार तुम्हारा करते हुए, याद तुम्हारी बहुत सताई बात तब समझ में आई ।...
अथाह जलराशि के बीच स्थित छोटे छोटे द्वीप जिस ओर नज़र जाती बहुमंजिली इमारतों का संसार नज़र आता एक से...
दरख़्त सा सख़्त पल्लव सा नर्म समंदर का कोलाहल वो प्रेम में सृजन दहक उठे तो दावाग्नि क्रोध में विध्वंस...
क्या तुम सुनते हो सूर्य के भीतर जल रही हायड्रोजन की आवाज़, जब तुम सूर्य को अर्घ्य दे रहे होते...
युद्ध का बिगुल या, शांति का दान। अंतर नहीं समझते, हम निरा मूर्ख इंसान। युद्ध की विभीषिका, बना रही श्मशान।...
दिन अउ रात अपन खून पसीना बहाके, सिंचत हे किसान हमर देस के माटी। इहां किसान मेहनत करत रहि जाथे,...
रसिक रचित रचना है प्रेम, या भ्रमित भावना कल्पना है प्रेम। उगता है प्रेम, खेतों खलिहानों में भी, और पकता...
कुछ खूबसूरत लम्हें हमें गुदगुदातें है जब वो पास थे,सबसे खास थे मुझ से भी ज्यादा नजदीक वो मेरे आस...
हाँ ! आसान नहीं होता किसी सच्चे पुरुष के दिल मे रहना नहीं मानता वो अपनी दासी स्त्री को पौरुष...
उसे ख़ुश रहना आता है क्यों कि उसे ख़ुश रहने के लिए बड़ी ख़ुशियाँ नहीं चाहिए वो ख़ुश हो जाती...