November 25, 2024

“कविता गुलमोहर”

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ग्रीष्म में शीतल एहसास
गुलमोहर को बनाता ख़ास

धूप की झुलसाती तपिश में
घर से बाहर निकलने की बंदिश में

सुकून देता है गुलमोहर
मानों फूलों की ओढ़े चूनर

सुर्ख लाल जोड़े में लिपटी
नवयौवना मानों हो सिमटी

बिखरे फूल कर रहे स्वागत
ग्रीष्म ऋतु की आवभगत

विनीता मोटलानी इंदौर
333vinita@gmail.com

9977608366

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