आओ योग करें
आओ हम सब योग करें, योग से दूर रोग करें
आओ हम सबको जागरूक करें
आओ हम ‘योग से निरोग’ का प्रसार करें
आओ हम सब योग करें, योग से दूर रोग करें…..….
योग से हम तन मन को शुद्ध करें पवित्र करें।
योग से ज्ञान बढ़ाने का आयाम करें
योग से स्वस्थ रहने के लिए प्राणायाम करें
आओ हम सब योग करें, योग से दूर रोग करें…..….
योग से दीर्घायु होने का वरदान प्राप्त करें
योग से समस्त रोगों का सर्वनाश करें
अशुद्ध आहार , आचार का त्याग करें
योग महर्षि पतंजलि का गुणगान करें
आओ हम सब योग करें, योग से दूर रोग करें…..….
महर्षि पतंजलि के अष्टांग-योग का आव्हान करें
योग से आठों अंगों का फरमान करें
योग से ही सुंदर,सुदृढ बनने का प्रयास करें
योग से ही सफल दिनचर्या करें
आओ हम सब योग करें, योग से दूर रोग करें…..….
कपालभाति, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें
अपने देह शुद्धि की खातिर व्यायाम करें
योगिक क्रिया कलापों से तन/मन को सक्रिय करें
अपने साँसों को लेने और छोड़ने अभ्यास करें
आओ हम सब योग करें, योग से दूर रोग करें…..….
ज्ञान और विवेक से तन को रोगमुक्त करें
ईश प्रदत्त शक्ति साधन से देश को युक्त करें
अपनों मन-अंतर से से यह संकल्प करें
हर दिन, हर पल आओ योग का प्रसार करें
आओ हम सब योग करें, योग से दूर रोग करें…..….
रचनाकार-कवि अरुण चक्रवर्ती
गुरसहायगंज कन्नौज उत्तर प्रदेश
9795718204