November 21, 2024

वृद्ध विमर्श पर आधारित प्रलंब काव्य सांध्यदीप का हुआ विमोचन

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बालोद जिला के वरिष्ठ साहित्यकार छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग के जिला समन्वयक एवं मधुर साहित्य परिषद् जिला अध्यक्ष डॉ.अशोक आकाश के गृह ग्राम कोहंगाटोला में उनके जन्म दिवस के पावन अवसर पर 9 दिसंबर 2021 दिन गुरूवार को उनके द्वारा लिखित वृद्ध विमर्श पर आधारित प्रलंब काव्य सांध्यदीप एवं उनके द्वारा संपादित मधुर साहित्य परिषद की साहित्यिक पत्रिका अनहद का विमोचन एवं लैंगिक विकलांग विमर्श दशा और दिशा डॉ विनय कुमार पाठक लिखित शोध ग्रंथ में समादृत किन्नर व्यथा की समीक्षा गोष्ठी ग्राम कोहंगाटोला में की गई | उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. विनय कुमार पाठक छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग पूर्व अध्यक्ष रहे, अध्यक्षता डॉ. परदेशी राम वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार एवं अध्यक्ष आगासदिया भिलाई ने की | कार्यक्रम के विशेष अतिथि डॉ सुधीर शर्मा हिंदी विभागाध्यक्ष साइंस महाविद्यालय भिलाई, विवेक तिवारी, राघवेंद्र दुबे, गजेंद्र झा, नारायण चंद्राकर, पं.मोहन प्रसाद चतुर्वेदी एवं सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् श्रीमती सरोज यादव रायपुर रहे | ग्राम कोहंगाटोला में आयोजित उक्त कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती एवं छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना के साथ की गई, कार्यक्रम में शासकीय हाई स्कूल कोहंगाटोला के बच्चों की मधुर स्वागत गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ | स्वागत उद्बोधन आयोजक मधुर साहित्य परिषद जिला बालोद के अध्यक्ष एवं राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक डॉ अशोक आकाश ने की | सर्वप्रथम मधुर साहित्य परिषद की साहित्यिक पत्रिका अनहद का विमोचन अतिथियों के कर कमलों से किया गया, तत्पश्चात डॉ.अशोक आकाश द्वारा वृद्ध विमर्श विषयक प्रलंब काव्य सांध्यदीप का विमोचन किया गया | अतिथियों द्वारा डॉ. विनय कुमार पाठक लिखित शोध ग्रंथ लैंगिक विकलांग विमर्श दशा और दिशा में सामद्रित डॉ. अशोक आकाश लिखित प्रलंब काव्य ‘किन्नर व्यथा’ की समीक्षा की गई, प्रख्यात समीक्षक विवेक तिवारी बिलासपुर द्वारा लैंगिक विकलांग विमर्श दशा और दिशा पर विचार व्यक्त करते कहा- “अद्यतन औपन्यासिक कृतियों में जहॉ आधुनिकता की आहट है, गंतव्य की गर्माहट है, संघर्ष की टकराहट है, वही विषय की विविधता, विचार की नव्यता, विधान और शैली की प्रयोगपरकता प्रकट होती है | साहित्य सर्जक वास्तविकता का वितान भी निर्मित कर रहे हैं | 21 वी सदी के नव उत्कर्ष के रूप में लैंगिक विकलांग विमर्श दशा और दिशा की भाषा शैली, चयनित उपन्यासों, लोकगीत, कविताओं पर विमर्श है | इस पुस्तक में आपके ग्राम कोहंगाटोला के कवि डॉ.अशोक आकाश की कृति “किन्नर व्यथा ” साहित्य की गौरवशाली अमूल्य विरासत है | प्रस्तुत पुस्तक पर बात करते विवेक तिवारी जी ने कहा “साहित्यकार अशोक आकाश द्वारा रचित काव्य में किन्नरों की व्यथा को काव्य के माध्यम से 20 भागों में प्रस्तुत किया गया है जो कि किन्नरों की उपेक्षित और तिरस्कृत जीवन के अवसाद की व्यथा का यथार्थवादी चित्रण है | किन्नर व्यथा की कुछ पंक्तियों का उदाहरण देकर किन्नरों के प्रति कवि की संवेदनशीलता का प्रमाण प्रस्तुत किया, उन्होने उनकी यह पंक्ति पढ़कर जनमानस को किन्नर की व्यथा से अवगत कराया —
“आदिकाल जग अंतहीन दुख, अंतस कटु दुविधाएं |
धिकमय जीवन पलछिन चुभता, किन्नर व्यथा बतायें ||
तन आधा मीरा राधा, मधुरिम स्वप्न अधूरे |
मानव होकर मान्य नहीं जो, क्यों ? यह न्याय अधूरे ||

उन्होंने कहा डॉ. अशोक आकाश ने लिखित पंक्तियों में किन्नरों की जीवन शैली को दर्शाया है, पारिवारिक उत्पीड़न के बाद मजबूर होकर घर परिवार समाज त्यागने वाले किन्नरों के प्रति उपेक्षित व्यवहार पर अशोक आकाश की किन्नर व्यथा सामाजिक समरसता का सारगर्भित संदेश है |
सुप्रसिद्ध समीक्षक राघवेंद्र दुबे वरिष्ठ साहित्यकार बिलासपुर ने किन्नर व्यथा पर समीक्षा पढ़ते कहा ” वर्तमान समय में लैंगिक विकलांगता के अवरोध को मिटाने का शाश्वत संदेश कवि अशोक आकाश का विस्तृत उपक्रम है जिसके माध्यम से इन्होने ऐतिहासिक अमर कृति का सृजन किया है | ” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. विनय कुमार पाठक ने कहा कि ग्राम कोहंगाटोला में आयोजित आज का यह कार्यक्रम इसलिए महत्वपूर्ण है कि किन्नर और वृद्ध विमर्श के इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ जुड़ रहा है, डॉ. अशोक आकाश लिखित सांध्यदीप जहां वृद्ध विमर्श विषयक प्रलंब काव्य में प्रतिष्ठित है, वही विकलांग विमर्श दशा और दिशा में समादृत डॉ.अशोक आकाश की “किन्नर व्यथा” नामक ग्रंथ को शोध ग्रंथों में जगह मिल रही है, इस तरह जैसे गुलेरी जी एक कहानी लिखकर ही अमर हो गए, उसी तरह डॉ. अशोक आकाश ने 21वीं सदी के दो नव्य विमर्श, वृद्ध और किन्नर चेतना पर आधारित दो लंबी कविताएं लिखकर प्रसिद्ध हो गए हैं | इस अवसर पर प्रयास प्रकाशन बिलासपुर द्वारा डॉ. अशोक आकाश को विमर्श साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान एवं जन्म दिवस के सुअवसर पर साल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया |
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशी राम वर्मा ने अपनी अभिव्यक्ति देते हुए कहा साहित्य के बड़े लोग अब तक गांव से सही जुड़कर बने हैं रेणु , नागार्जुन, प्रेमचंद से लेकर तमाम भाषाओं में साहित्यकार गांव से ही जुड़े हैं | गांव की संस्कृति को समझना साहित्य के लिए आवश्यक है, गांव ही देश का बल है, गांव की जागृति से ही देश की जागृति है, इसलिए गांव में इतना बड़ा आयोजन देश की जागृति का प्रथम सूचक है | मधुर साहित्य परिषद् जिला बालोद द्वारा किया गया ग्रामीण जनों का सम्मान देश के पुनर्निर्माण पर ध्यानाकर्षण का अनुसरण है | कार्यक्रम को डॉ. सुधीर शर्मा, गजेंद्र झा, नारायण चंद्राकर, मोहन प्रसाद चतुर्वेदी एवं सुप्रसिद्ध शिक्षाविद श्रीमती सरोज यादव जी ने भी संबोधित किया |
कार्यक्रम में गांव के युवा प्रतिभा, बुजुर्गजन, पूर्व सरपंच, वर्तमान सरपंच एवं पंचगण का स्वागत खेल शिक्षा स्वास्थ्य और ग्राम चेतना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तित्व स्वर्गीय दिलीप कुमार देवांगन की पुण्य स्मृति में साल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया |
उक्त कार्यक्रम में साहित्य के क्षेत्र में विशेष उल्लेखनीय कार्य हेतु देवजोशी गुलाब, विष्णु कोठारी मीत, महेन्द्र बघेल मधु, वीरेन्द्र कुमार तिवारी , लखन लाल साहू लहर, संतूराम गंजीर, अखिलेश्वर मिश्रा को दिलीप कुमार देवॉगन स्मृति साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया | ग्राम सरपंच श्रीमती हिरोंदी साहू, उपसरपंच भुवन ठाकुर,पंच प्रतिमा यादव, मधु सागर, इंदिरा साहू, युवराज सिन्हा, फुलेश्वरी साहू, बलीराम सिन्हा, मालती सोनकर, हिरमोतिन साहू , गणेश साहू, भगवती यादव का सम्मान प्रतीक चिन्ह और गमछा साल से किया गया | सम्मान की कड़ी में ग्राम के युवामंडल प्रमुख, महिला मंडल प्रमुख, शिक्षक शिक्षिका छात्र- छात्रा, बुजूर्ग जन के साथ साथ ग्राम के पूर्व सरपंचों जनपद सदस्यों का सम्मान किया गया |
भोजन अवकाश पश्चात द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन का शुभारंभ वीरेन्द्र कुमार तिवारी वीरू के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ, अध्यक्षता बुटूदास पूर्णे ने की सीताराम साहू श्याम, महेन्द्र बघेल मधु, लखन लाल साहू लहर, सचिन निषाद, डी.एस.पी. वर्मा जी, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा, केशव साहू, देवनारायण नगरिहा के विशेष आतिथ्य में हास्य धमाका कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ | काव्य पाठ की श्रृंखला में उपस्थित कवियों ने अपनी हास्य व्यंग एवं सामाजिक चेतना जागृत करती पंक्तियों से सभा को संबोधित किया | कार्यक्रम में सीताराम साहू श्याम, जगदीश देशमुख, गोरे लाल शर्मा माखन लाल साहू पेण्ड्री, कृष्णकुमार दीप , गजपति साहू, केशव राम साहू, भरत बुलंदी, कन्हैया लाल बारले, देवनारायण नगरिया, देव जोशी गुलाब, श्रीमती हर्षा देवांगन, संध्या राजपूत, डॉ एस एल गंधर्व, पुष्कर सिंह राज, लालेश्वर अरुणाभ, जे.आर.महिलांगे, पवन यादव पहुना, सिद्धार्थ सिंह राजपूत, कामता प्रसाद दशहरा, डिगेन्द्र साहू, धर्मेन्द्र श्रवण, संत दिनेन्द्र दास, साध्वी श्रद्धा साहेब, शरद विभूते, देवलाल सिन्हा, किसान नेता पवन साहू , ग्राम सरपंच हिरौंदी साह, पूर्व सरपंच छगन साहू, ग्राम पटेल गुमान सिंह देवांगन, नवयुवक मंडल अध्यक्ष गुमान सिंह ठाकुर, पूर्व सरपंच दयालू राम ठाकुर, गंगादेवी साहू, पूर्व जनपद सदस्य खिलेश्वरी साहू सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार ग्रामीण जन एवं छात्र छात्रा उपस्थित रहे | इस स्वर्णिम सफल कार्यक्रम का संचालन जयकांत पटेल, लालेश्वर अरुणाभ, देवजोशी गुलाब एवं भरत बुलंदी ने किया | संस्था प्रमुख डॉ.अशोक आकाश के आभार प्रदर्शन के साथ सभा समापन की घोषणा की गई |

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