सभी को छोड़ के…
सभी को छोड़ के, खुद पर भरोसा कर लिया मैंने.
वो मैं, जो मुझ में मरने को था, ज़िंदा कर लिया मैंने.
मुझे उस पार उतर जाने की, जल्दी ही कुछ ऐसी थी.
की जो कश्ती मिली उसपे भरोसा कर लिया मैंने.
मुझे ये खौफ दे मालिक, मुझी पर हो नज़र तेरी.
बस इतना ही नही काफी की सजदा कर लिया मैंने:
भरोसा तूने तोड़ा था, मगर खुद को सज़ा यूँ दी.
की फिर जो मिल गया उसपे, भरोसा कर लिया मैंने.
वसीम बरेलवी