आसिफ इक़बाल की कलम से : हमर छत्तीसगढ
‘हमर छत्तीसगढ़’ अनादि काल से ‘धान का कटोरा’ के नाम से जाना जाता है यानी छत्तीसगढ़ का पूरा राज्य धान(चांवल) की खेती से लहलहा जाता है,लेकिन अब छत्तीसगढ़ के किसानों का रुझान रबी सीज़न में चने की खेती की ओर भी सकारात्मक रूप से बढ़ने लगा है।इसका सीधा प्रमाण यह है कि पूरे राज्य के संभागों के ज़िलों में एक साल में ही चने की खेती की खेती के रकबे में जबरदस्त बढोत्तरी का रिकार्ड दर्ज़ हुआ है अर्थात
खेती के रकबे में 52 हज़ार हेक्टेयर यानी करीबन एक लाख तीस हज़ार एकड़ की रिकार्ड बढ़ोतरी दर्ज़ की गई है। बताया जा रहा है कि एक साल में चने का रकबा 3 लाख 63 हज़ार एकड़ से बढ़कर 4 लाख 15 हज़ार हेक्टेयर हो गया है।यह भी बताया जा रहा है कि चालू रबी सीज़न में चने की खेती में बीते तीन वर्षों में आशातित 5 गुना अधिक बढ़ोतरी हो गई है।कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का कहना है कि छत्तीसगढ़ की पे
भूपेश- सरकार हमेशा से किसानों की पक्षधर रही है।यही कारण है कि भूपेश सरकार की किसान-हितोँ की नीति से किसानों में खुशहाली बढ़ी है और कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव भी अपनाया गया है। कृषि मंत्री का मानना है कि यही वजह है कि किसान अब फल-फूल,सब्ज़ी के अलावा तिलहन व दलहन की खेती की तरफ रुचि दिखाना व अपनाना बढ़ा रहे हैं।कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का यह भी कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान न्याय योजना से समय-समय पर मिल रही सबसिडी की राशि ने कृषि के क्षेत्र में किसानी को नवाचार करने और खेती में बदलाव को अपनाने प्रेरित किया है।छत्तीसगढ़ राज्य में चने की खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़ने का नज़ारा यह प्रदर्शित करता है कि इस साल चने की खेती में सर्वाधिक बढोत्तरी दर्ज़ की गई है।कृषि विभाग के सूत्रों के मुताबिक,इस साल चने की खेती में सबसे अधिक बढोत्तरी 28 हज़ार हेक्टेयर दुर्ग संभाग में दर्ज़ की गई है।दुर्ग संभाग के बालोद ज़िले में इसका रकबा 9280 हेक्टेयर से बढ़कर 16,170 हेक्टेयर हो गया है,जो बीते वर्ष की तुलना में पौने दो गुना बढ़ गया है।रायपुर संभाग की बात करें तो किसानों ने चने की खेती की तरफ जबरदस्त उत्साह दिखाया है और रकबा बढ़ा है।रायपुर,बलौदाबाज़ार,धमतरी और गरियाबन्द ज़िलों में जहां 15,820 हेक्टेयर में चने की खेती की जाती रही वहां 17,500 हेक्टयर से बढ़कर 32,340 हेक्टेयर तक चने की खेती का रकबा बढ़ गया है।महासमुंद में अमूमन 100 से 125 हेक्टयर में चने की खेती होती रही है,वहां बीते रबी सीजन में मात्र 30 हेक्टेयर में चने की बुआई हुई थी,वहां इस साल 5हज़ार हेक्टेयर में चना बुआई होने से 167 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है।इसी तरह धमतरी में भी 2730 हेक्टेयर से बढ़कर 10 हज़ार हेक्टेयर रकबे में चने की बुआई की गई है।बिलासपुर संभाग में भी इस साल 4 हज़ार रकबा,सरगुजा संभाग में 1800 हेक्टेयर तथा बस्तर संभाग के ज़िलों में 1700 हेक्टेयर से अधिक की बढोत्तरी दर्ज़ की गई है।इस चालू रबी सीजन में
4 लाख 15 हज़ार 650 हेक्टेयर में चने की बुआई लगभग पूरी होने जा रही है।इस तरह पूरी तरह माना जा सकता है कि छत्तीसगढ़ के किसानों में खेती को लेकर नया रुझान दिखाई दिया है तभी तो चने की खेती के रकबे में जबरदस्त उछाल व बदलाव देखा जा रहा है,जो छत्तीसगढ़ की खेती व किसानों के लिए अनुकूल व हितकारी कहा जा सकता है।