दूसरे दिन छत्तीसगढी में नवाचार पर विमर्श, 94 साल के छत्तीसगढ़ी के पहले उपन्यासकार का सम्मान किया
रायपुर। छत्तीसगढ़ी साहित्य महोत्सव में दूसरे दिन छत्तीसगढी साहित्य की विभिन्न विधाओं में हो रहे नवाचार पर साहित्यकारों ने विमर्श किया। आज छत्तीसगढ़ी के पहले उपन्यासकार शिवशंकर शुक्ल का सम्मान किया गया। तीस से अधिक कवियों ने काव्य पाठ किया। आठ साल की लड़की सेलिना दावना ने अरपा पैरी राजगीत गाकर शुभारंभ किया। प्रथम सत्र में छत्तीसगढ़ी साहित्य में नवाचार पर वरिष्ठ लेखक नंदकिशोर तिवारी की अध्यक्षता में डॉ पीसी लाल यादव, सुधा वर्मा, सरला शर्मा, गयाराम साहू, कान्हा कौशिक ने विचार व्यक्त किए। संचालन सत्यप्रकाश सिंह ने किया। दूसरे सत्र के मध्य साहित्यकार और पत्रकारों का सम्मान किया गया जिनमें डॉ स्नेहलता पाठक, सुभाष मिश्र, डुमनलाल ध्रुव, शोभा श्रीवास्तव आदि का सम्मान किया गया। दस पुस्तकों का विमोचन किया गया।
दूसरे सत्र में समीक्षक डॉ सुशील त्रिवेदी की अध्यक्षता में पत्रकार-संपादक सुभाष मिश्र, डॉ स्नेहलता पाठक, रवि श्रीवास्तव, उर्मिला शुक्ल, डॉ चित्त रंजन कर, विनोद साव, कमलेश्वर साहू, पूनम संजू आदि ने हिंदी और छत्तीसगढ़ी के अंतर्संबंध पर विचार व्यक्त किए। बाद में जोशी बहनों और अरपा पैरा संस्था ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अंत में कवि सम्मेलन में तीस से अधिक कवियों ने काव्य पाठ किया।