November 24, 2024

चाहत बहुत, पुरानी अपनी।
इतनी राम, कहानी अपनी।।

इन सपनों का, राजा अपना।
औ सपनों की, रानी अपनी।।

सौ रंगों की, बूटे वाली ।
चूनर धानी – धानी अपनी।।

ताजी सुबह, रोज मिलती है।
सोंधी शाम, सुहानी अपनी।।

बापू अपने, भइया अपना।
अम्मा दादी, नानी अपनी।।

रातें अपनी दिन अपना है, ।
मन अपना, मनमानी अपनी।।

हंसी ठिठोली, धमा-चौकड़ी।
ठनगन औ , नादानी अपनी।।

ताल – तलैया, नदी बगीचे।
सब राहें , पहचानी अपनी।।

कु.पूजा दुबे सागर

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