November 24, 2024

स्वर्गीय श्री मोतीलाल विजयवर्गीय : जन्मदिवस पर विशेष

0

देश के सुप्रसिद्ध भाषाशास्त्री,व्याकरणाचार्य पिताश्री स्वर्गीय श्री मोतीलाल विजयवर्गीय जी का जन्मदिवस आज 9 सितंबर को इस प्रण के साथ मनाना चाहती हूँ कि उनके द्वारा दी गई अक्षर-शिक्षा को उन्हीं की तरह ऊंँचाइयों तक पहुँचाऊँ, इस स्वर्णिम पावन दिवस पर इस ग़ज़ल के माध्यम से आप सभी का आशीर्वाद चाहूँगी…

रिश्तों में महसूस न होती अब कुछ गरमाई बाबा
उथलेपन में कब की खोई दिल की गहराई बाबा

आज पुरानी तस्वीरों में जब मैंने ख़ुद को ढूँढा
तो माज़ी को देख तुम्हारी याद बहुत आई बाबा

सादा जीवन, उच्च विचारों के ही साथ चले हरदम
और तुम्हारे शब्दों में थी कितनी सच्चाई बाबा

इक-इक लमहा मोती जैसा, हर ज़र्रे में फूल खिला
प्यार भरा वो मानसरोवर भूल कहाँ पाई बाबा

होली-दीवाली पर कितना जोश उमड़ता था घर में
मिलना-जुलना ख़्वाब हुआ अब, फैली तनहाई बाबा

अब तो मंज़र सारा बदला, नज़रें भी बदली-बदली
अपनापन ही ख़त्म हुआ सब, बदली पुरवाई बाबा

वो सुंदरतम माज़ी मेरा मुझको वापस लौटा दो
घूमूँ फिर से ताल-तलैयाँ, घूमूँ अमराई बाबा

माज़ी-अतीत

सीमा विजयवर्गीय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *