साहित्य का नोबेल (2022) एनी एर्नो को
पियूष कुमार
कई दशकों से फ्रांस और उसके बाहर नारीवाद की प्रतिमूर्ति से अब साहित्य की नोबेल विजेता बन चुकी 82 वर्षीय एनी एर्नो ने खुद के बारे में कहा था, “एक महिला जो लिखती है- बस।” एनी साहित्य की प्रोफेसर हैं और उनका लेखन आत्मकथात्मक और समाजशास्त्रीय रहा है।
एर्नो का पहला उन्यास ‘क्लीन्ड आउट’ 1974 में छपा था। यह अबॉर्शन से जुड़ा एक डरावना दस्तावेज है जो उन्होंने अपने परिवार से छिपाया। 1984 में उन्होंने तलाक ले लिया और फिर अपने बेटे को अकेले पाला। इसी तरह ‘द सुपर 8 ईयर्स’ बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म है लेकिन उनकी किताबें लंबे समय से फिल्म बनाने वालों के काम आती रही हैं। युवावस्था में उनके अबॉर्शन से जुड़ी एक और कहानी पर आधारित ‘द हैपनिंग’ ने पिछले साल वेनिस फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लॉयन जीता। इसी साल उनके रोमांटिक उपन्यास सिंपल पैशन का एडेप्टेशन हुआ साथ ही फ्रांस के नये शहरों के बारे में ‘आई हैव लव्ड लिविंग हियर’ डॉक्यूमेंट्री भी आई जिसमें उन्होंने अपने लेखन और आवाज का इस्तेमाल किया है। हालांकि एर्नो का कहना है कि वो खुद फिल्मों में काम करना नहीं चाहतीं। एर्नो ने कहा, “मैं आंतरिक छवियों के साथ लिखती हूं, संस्मरण की छवियां, सिनेमा के लिये लिखने की प्रक्रिया बिल्कुल अलग है।”
फ्रेंच लेखिका ने फ्रांस में अपने जीवन की परतों को खुरच खुरच कर लिखा है और नोबेल पुरस्कारों के लिए चुनाव करने वाली समिति ने उनकी इसी खूबी को पुरस्कार का आधार माना और कहा – “जिस हिम्मत और बिना भावावेग के वो अपने संस्मरणों की जड़ों, अलगाव और सामूहिक अवरोध को बेपर्दा करती हैं, उसके लिये उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है।”
एर्नो की आत्मकथात्मक किताबों में उन्होंने समाज और वर्ग में बदलते लेकर रिश्तों के बीच प्यार, सेक्स, गर्भपात, शर्म को लेकर निजी अनुभवों और अहसासों का ब्यौरा दिया है। नोबेल साहित्य कमेटी के चेयरमैन आंदर्स ओलसटन का कहना है कि एर्नो ‘एक बेहद ईमानदार लेखिका हैं जो कठोर सच्चाई का सामना करने से नहीं डरतीं। वे ऐसी चीजों के बारे में लिखती हैं जिनके बारे में कोई और नहीं लिखता। उदाहरण के लिए गर्भपात, उनकी ईर्ष्या, एक छोड़ी गई प्रेमिका और इन सब के बारे में। मेरा मतलब है कि सचमुच कठिन अनुभवों के बारे में।”
साहित्य के लिए अब तक कुल 119 लोगों को नोबेल पुरस्कार मिला है जिनमें एर्नो 17वीं महिला हैं। पुरस्कार मिलने की सूचना देने पर उन्होंने हैरानी जताई और फोन करने वाले स्वीडिश पत्रकार से पूछा, “क्या आप सच कह रहे हैं?” बाद में उन्होंने कहा, “यह अवॉर्ड एक बड़े सम्मान के साथ बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।”
सूचनाएं DW हिंदी से साभार
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एनी एर्नो मानती हैं कि लेखन एक राजनीतिक कार्य है जिसमें भाषा को चाकू की तरह इस्तेमाल करके कल्पना के पर्दे फाड़ना होता है और सामाजिक असमानताओं के प्रति हमारी आंखें खोलना होता है। जाहिर है, उनकी लेखकीय जिम्मेदारी और मिशन स्पष्ट है और यही उचित भी है। बहुत बधाई उन्हें साहित्य का नोबल प्राप्त करने के लिए।