मातृ दिवस
आज फिर 8 मई आई है साथ अपने
मां को समर्पित दिन लाई है
बात चली है दोस्तों में, भाई बहनों में
क्या दें उपहार मां को,
मनाएं कैसे यादगार उनका दिन
गहन सोच में डुबे हैं सब
कट गई 7 मई की रात तारे गिन
कुम्मु बोली, दी मैं खाना बनाऊंगी
आरु बोली मैं मां का पैंर दबाऊंगी
भैय्या बोले मां को शापिंग करवाऊंगा
छोटू बोला आज मां को न सताऊंगा
सुबह से लगें हैं सब अपने अपने जतन में
किए जा रहे हैं जननी की पूजा,
भाव ही नहीं मन में
किचन में खाना बनाती सेल्फी ले
कुम्मु सोशल मीडिया अपडेट कर रही
घर की सफाई कर फोटो ले आरु
इंस्टा पर #pyarimom tag कर रही
नईं नईं साड़ियां दिलाकर भैय्या भी
न कुछ कम इठला रहा
छोटू भी है छुट्टी में जो मां को
तरह तरह की बातें बतला रहा
दृश्य सारा मौन खड़ी मैं देख रही
बहुत सी बातें हैं जो खड़ी खड़ी सोच रही
मातृ दिवस हमम…
अगर ये न होता तो क्या होता
शायद घर घर आज यह
नजारा न होता
न होता निज जननी का पूजन
न ही कभी करता कोई चिंतन
पर सोचती हूं हाय कैसी दशा है
चहुं ओर दिखावा खो गई दिशा है
मां भी सोचती होगी -
“मेरी संतानें अपना प्यार जताना चाहते हैं
मेरे वर्षों के प्रेम को मात्र एक दिन में ही
मुझे लौटाना चाहते हैं”
मां के पारिशुद्ध प्रेम को
हम कैसे तोल रहे हैं
प्रतिदिन अनादर करते और
बस 8 मई को हैप्पी मदर्स डे बोल रहे हैं
सोचती हूं क्या माता को भी कोई
कुछ दे सकता है भला
यदि दे सकता है तो मेरी समझ में
दिखावे का प्यार तो कतई नहीं …
मैंने तय किया मैं दूंगी मां को वचन
वचन कि कोख को न तेरी लजाऊंगी
मैं रखूंगी सदा तेरा मान सम्मान
जो तुम चाहो वही हासिल करके दिखाऊंगी
मां मैं क्षमा चाहूंगी तुमसे
अपनी हर उत्दंडता के लिए
और इसलिए भी कि नहीं लाई हूं
आज तुम्हारे लिए कोई उपहार
मां तुम मेरी आराध्या हो
न ही कोई त्योहार
मैं क्षमा चाहूंगी कि मैं जता न पाऊंगी
कभी तुमसे मेरा प्यार -2
@Yaminee_Suryaja