November 22, 2024

कहा था उसने कि पूरे वो ख़्वाब कर देगा,
सफ़र में काँटे मिले तो गुलाब कर देगा ।

उसे पता है मुझे आरज़ू नहीं फिर भी,
वो पेश मेरे लिए माहताब कर देगा।

नज़र का जादू चलाएगा और इक पल में,
वो एक ज़र्रे को भी आफ़ताब कर देगा ।

सवाल उससे करूं भी तो क्या करूं मैं अब,
नज़र मिला के वो फिर लाजवाब कर देगा ।

ख़याल उस से बिछड़ने का आये फिर न कभी,
वगरना ज़ीस्त ही मेरी अज़ाब कर देगा ।
अल्पना सुहासिनी

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