नये राज्यपाल हरिचंदन जी को बधाई
श्री हरिचंदन एक प्रतिष्ठित स्तंभकार हैं जिन्होंने समकालीन राजनीतिक मुद्दों, ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मामलों पर कई लेख लिखे हैं जो ओडिशा के सभी प्रमुख समाचार पत्रों और दिल्ली के कुछ अंग्रेजी साप्ताहिकों में प्रकाशित हुए हैं।
साहित्यिक योगदान
उनका साहित्यिक योगदान “महा संग्रामर महानायक” है, जो 1817 की पाइक क्रांति के सर्वोच्च सेनापति बक्सी जगबंधु पर एक नाटक है , छह एकांकी मरुभताश, राणा प्रताप, शीश झलक, मेबार की महारानी पद्मिनी पर, अष्ट शिखा, तपांग दलबेरा की वीरता पर युद्ध और बलिदान, मानसी, (सामाजिक) और अभिसप्त कर्ण (पौराणिक), स्वच्छ ससनारा गहना कथा, उनकी 26 लघु कथाओं का संकलन और ” ये मतिर डाक” उनके कुछ चुनिंदा प्रकाशित लेखों का संकलन, “संग्राम सारी नहीं” । उनकी आत्मकथा, जिसमें उनके लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान राजनीतिक, प्रशासनिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्रों में उनके संघर्षों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
छत्तीसगढ़ का राज्यपाल और प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद पर एक लेखक, एकांकीकार और स्तंभकार की नियुक्ति पर बधाई