है आंख नम तो…
है आंख नम तो क्या मुस्कुरायें।
बताओं कब तक ये गम छुपायें?
तुम्हें मुबारक तुम्हारी खुशियां,
हमारी किस्मत है छ्टपटायें ।।
जो सर प इल्जाम रख दिया है,
तो आके मेरी खता बतायें।।
हमारी आंखों को लत तुम्हारी,
क्या इनको अब आईना दिखायें ?
न जाने कैसा ये मोड़ आया,
छुपाना था जो वही बतायें ।।
नज़र से जैसे नज़र मिली तो
ये लब भी गुल जैसे मुस्कुरायें।।
अंजली श्रीवास्तव