कविता साहित्य दरख़्त सा सख़्त Chhattisgarh Mitra June 5, 2023 0 दरख़्त सा सख़्त पल्लव सा नर्म समंदर का कोलाहल वो प्रेम में सृजन दहक उठे तो दावाग्नि क्रोध में विध्वंस वो नज़रों से भेदता मुस्कान से लूटता काही आंखों से दिल में उतरता वो इधर उधर क्या ढूंढे उसको मन की गहराइयों में बसता जो… ~पल्लवी Continue Reading Previous याद रहोगे मास्टरजी!Next शहर मियामी More Stories आलेख साहित्य कुछ विचार .. मेरे पुराने लेख का एक अंश .. मानबहादुर सिंह , भगवत रावत और मुक्तिबोध Chhattisgarh Mitra November 22, 2024 0 आलेख साहित्य ये आदमी भिखारी या बेघर आवारा नहीं है Chhattisgarh Mitra November 22, 2024 0 कविता साहित्य ग़ज़ल Chhattisgarh Mitra November 22, 2024 0 Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.