चंद्र यान की प्रथम प्रभा
तेईस अगस्त तेईस में भारत,
तकनीकी लोहा विश्व को मनवाता है।
वैज्ञानिकों के संकल्पों बल से,
देखो जोड़ो सीना छप्पन बन लाता है।
राम मंदिर बाद अब चंद्र जुड़ा,
साथ मिलकर श्री रामचंद्र कहलाता है।
नए भारत के विक्रम प्रज्ञान पे,
प्रथम सूर्योदय प्रभा की सुंदर गाथा है।
चंद्र पथ पर चंद्रयान कदम पड़ा,
साकार रूप में गर्वित ध्वज लहराता है।
प्रत्येक वर्ग साक्षी इन लम्हों का,
आसमां सीमा नहीं परे उसके जाता है।
समन्वय समर्पण संकल्प सीख,
भौतिक यांत्रिक रोबोट हमें चलवाता है।
चयन प्रक्रिया कमांड डिमांड में,
पूर्व कमी का संपूर्ण प्रयास डलवाता है।
चंद्र पथ उतरकर यथेष्ठ समय में,
दूर का चंदा मामा रिश्ता सगा बनाता है।
रचे हजारों गीत गाने चांद पर,
कैसे कहें चांद सा मुखड़ा क्यों शर्माता है।
असफलता गुंजाइश क्यों छोड़े,
करे असंभव को संभव जिनको भाता है।
वैज्ञानिक नजर से डा कलाम का,
अंतरिक्ष ग्रह शोध नजर यशस्वी पाता है।
चंद्रमा पर चौथा देश भारत है पर,
साउथ पोल चंद्रयान पहला नंबर लाता है।
इतिहास रचकर परचम लहराया,
खनिज रत्न जीवन आशा खोज कराता है।
धर्म विज्ञान में संतुलन बोध हुआ,
इसरो प्रमुख सोमनाथ मानो चंद्र सुहाता है।
भविष्य सपनों की बुनियाद भारत,
बदलते कथा कथानक गीत नवल गाता है।
चंद्रयान सियासत के रंग समझिए,
मेरा तेरा चांद कभी तो देश चांद बताता है।
(रचयिता: विजय कुमार गुप्ता ’मुन्ना’ 23 अगस्त 23)