बड़ी आसानी से तुमने तोड़ दिया
जो तिनका-तिनका जज्बातों से
बनाया था एक आशियाना हमने
अपना ……
एक तूफ़ान से तुम भी गुजरे और
एक तूफ़ान मेरे सामने था,
तुमने हार मान ली तूफ़ान से और
अपना रास्ता बदल लिया मगर
मैंने इस तूफ़ान से बहुत कुछ सीखा …..
बिखरा हुआ सबकुछ एक एक करके
समेट लिया और इसे अपनी जिंदगी
कि ताक़त बना ली, अब कोई
तूफ़ान मेरी ओर आनेसे पहले
सौ बार सोचेगा, क्योंकि वो जानता है
फूल सा कोमल ह्रदय जब
पत्थर बन जाता है तो वह
बड़े से बड़े तूफ़ानों को भी अपना
रूख़ मोड़ने पर मजबूर कर देता है …..
कविता राजपूत 🌷🌷