November 23, 2024

लंबे समय के बाद….आज ये …
आप सबके लिये….😊🙏

लेश भर भी कम नहीं
सारी की सारी हूँ
तुम किसी के भी रहो प्रिय!
मैं तुम्हारी हूँ

सुनने में ये बात शायद
अति लगे तुमको
पर समर्पण तो सुनो!
ऐसा ही होता है
मांगने से भीख मिलती है
पता है ना?
छीने वाला भी आख़िरकार
रोता है
प्रेम करती हूं अगर ये
कह रही हूं तो
मान लेना तुम पे मैं
सर्वस्व हारी हूं
तुम किसी के भी रहो प्रिय!
मैं तुम्हारी हूँ

मन पे कोई बोझ मत रखना
मेरे कान्हा
ख़ुद को तुम् हारा कहूं
सौभाग्य मेरा है
ये मसीहाई नहीं ना
ही बड़प्पन है
मैं नदी हूं और यही
प्रारब्ध मेरा है
तुम में खोकर मैं तुम्हारा
अंश हो जाऊं
मुझको ये कहने का हक़ है
मैं आभारी हूं
तुम किसी के भी रहो प्रिय!
मैं तुम्हारी हूँ

भूमिका जैन “भूमि”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *