November 23, 2024

आकर मेरी बाहों में जज़्बात मचलने दो
उल्फ़त के खिलें है गुल एहसास महकने दो।-1

हर-सम्त फ़ज़ाॅं महकी इक नूर नया छाया
मदहोश हुआ दिल भी ख़्यालात बहकने दो।-2

हर ख़्वाब मुकम्मल हो हर दम ही इनायत हो
गर हुस्न सॅंवारा है तो इश्क़ सॅंवरने दो।-3

है दरमियाॅं जो पर्दा शर्म-ओ-हया का छोड़ो
उल्फ़त की डगर में अब हर हद से गुज़रने दो।-4

ख़्वाहिश है यही दिल की ये लम्हा नहीं बीते
पैमाना मुहब्बत का आहिस्ता ही भरने दो।-5

#aksharo_ki_awaz
#Archana_Verma_Singh

Archana Verma Singh

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