सौ साल से ज्यादा पुरानी पं सुंदरलाल शर्मा की जेल पत्रिका का पुनः प्रकाशन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के भारतेंदु पं सुंदरलाल शर्मा की आज जयंती है। इस विशेष अवसर पर इतिहासकार डा रमेंद्रनाथ मिश्र ने सौ साल पुरानी पं सुंदरलाल शर्मा की श्रीकृष्ण जन्म स्थान समाचारपत्र का पुनः प्रकाशन किया है। आज इसे जारी किया जा रहा है। उक्त जानकारी देते हुए डॉ मिश्रा ने बताया कि पं सुंदरलाल शर्मा ने सन 1921-22 में रायपुर जेल से हस्तलिखित श्रीकृष्ण जन्म स्थान समाचारपत्र का संपादन और प्रकाशन किया था। इसके छह अंक निकले थे और यह भारत की प्रथम जेल पत्रिका है। अब सौ साल के बाद वैभव प्रकाशन ने इसका आज पुनः प्रकाशन किया है। पुनः प्रकाशन का संपादन डॉ रमेंद्रनाथ मिश्र ने किया है। डॉ मिश्र ने बताया कि इस जेल पत्रिका के माध्यम से पं शर्मा ने सामाजिक जागृति लाने का कार्य किया। उनके साथ अनेक सेनानी भी थे। पत्रिका के माध्यम से अंग्रेजों के अत्याचार, शोषण और अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद की गई थी। जेल सुधार पर भी इसमें एक अच्छा लेख है। सेनानी भगवती प्रसाद मिश्र से संवाद और एक कविता भी है। सौ साल पहले रायपुर जेल कैसा था इसकी जानकारी भी इस पत्रिका से मिलती है। पं शर्मा कहते थे कि जेल में कागज ही बारुद है। इस पत्रिका में पं सुंदरलाल शर्मा के बनाये चित्र भी हैं। पं सुंदरलाल शर्मा पर छत्तीसगढ़ मित्र ने इस माह डॉ रमेंद्रनाथ मिश्र का इस संबंध में एक आलेख भी प्रकाशित किया है। छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के महासचिव डॉ सुधीर शर्मा ने इस ऐतिहासिक और दुर्लभ अंक के पुनः प्रकाशन के लिए डॉ रमेंद्रनाथ मिश्र को बधाई दी है।