November 22, 2024

युवाओं का जीवन जल की तरह है, जिसमें अनुशासन की बाँध आवश्यक है

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विवेकानन्द मानव प्रकर्ष संस्थान, विवेकानन्द विद्यापीठ, रायपुर द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में ‘‘युवाशक्ति, राष्ट्रभक्ति और स्वामी विवेकानन्द’’ विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रारंभिक वक्ता के रूप में डॉ. ओमप्रकाश वर्मा, निदेशक विवेकानन्द मानव प्रकर्ष संस्थान ने कहा कि, ‘जल से जीवन का पोषण होता है, परन्तु बाढ़ आने पर वही जल जीवन को क्षतिग्रस्त कर देता है, बाँध बनाकर उसे विध्वंशकारी होने से बचाया जा सकता है। इसी प्रकार युवाशक्ति नदी की भाँति होती है, यदि यथासमय उन्हें उपयुक्त मार्ग प्रशस्त न किया जाये तो वह विध्वंशक दिशा में कदम बढ़ा लेता है। इसलिए युवाशक्ति को अनुशासन रूपी बाँध से यथा समय बाँधने की आवश्यकता है ताकि उन्हें राष्ट्रहित में उपयोगी बनाया जा सके। स्वामी विवेकानन्द जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे, उनके आदर्शों को आत्मसात कर युवा अपने जीवन को कृतार्थ कर सकते हैं। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में स्वामी प्रपत्त्यानन्द ने कहा कि, ‘स्वामी विवेकानन्द ने युवाओं में आत्मसम्मान और आत्मगौरव जागृत करने का कार्य किया। बच्चों/युवाओं में राष्ट्रबोध का समावेश करने के लिए पहले उनके आचार्य/शिक्षकों को स्वामी विवेकानन्द के संदेशों को अपने आचरण में आत्मसात करना होगा। आज सभी भौतिक रूप से सम्पन्न होते हुए भी अशांत है, इसका कारण भारतीय शिक्षा नीति में नैतिक/आध्यात्मिक शिक्षा का अभाव है। शिक्षा नीति में नैतिकता का समावेश ही जीवन में शांति प्रदाय कर सकता है। इस अवसर पर डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि, स्वामी जी समन्वय और समरसता के पक्षधर थे। डॉ. सुभाष चन्द्राकर ने स्वामी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक युवा के पास लक्ष्य का होना आवश्यक है, युवा अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उत्साह से कार्य करे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामकृष्ण मिशन बिलासपुर के सचिव श्रीमत स्वामी सेवाव्रतानन्द ने कहा कि, ‘स्वामी विवेकानन्द युवाशक्ति और राष्ट्रभक्ति के द्योतक हैं। धर्म और नैतिकता राष्ट्रीय जीवन का मूल आधार है। राष्ट्र के उत्थान के लिए धर्म और नैतिकता का पालन आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मनीषा चन्द्रवंशी ने किया। कार्यक्रम में डॉ. समीर ठाकुर, डॉ. राजेश दुबे, मनोज यादव, वीरेन्द्र वर्मा, डॉ. बी. एल. सोनेकर सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, बी.एड. कॉलेज के प्रशिक्षार्थी एवं विवेकानन्द विद्यापीठ के छात्र उपस्थित रहे।

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