संवेदना के साथ लिखना चुनौतीपूर्ण कार्य – डॉ अरूणा पल्टा
रायपुर। वरिष्ठ लेखिका और चिकित्सक डॉ शीला गोयल की पुस्तक पथ प्रदर्शक देवेश्वर का विमोचन करते हुए कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने कहा कि संवेदना के साथ लिखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है और डॉ गोयल ने यह कार्य कर दिखाया है। समारोह की मुख्य अतिथि समाजसेवी कमला जनस्वामी थीं। वृंदावन हाल में आयोजित विमोचन समारोह की अध्यक्षता करते हुए हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने कहा कि एक कवयित्री के रूप में डॉ शीला गोयल की प्रतिभा और शैली से हम परिचित हैं। एक चिकित्सक होने के बाद विषय पर संवेदना के साथ लेखन करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। पुस्तक प्रकृति और श्रीकृष्ण के मध्य समन्वय का एक सुन्दर उदाहरण है। डॉ पल्टा ने कहा कि यह पुस्तक नौ सूत्रों में श्रीकृष्ण और गीता का सार भी प्रस्तुत करती है। मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या गलत सोच है। मुख्य अतिथि समाजसेवी श्रीमती कमला जनस्वामी ने कहा कि श्रीकृष्ण का प्रत्येक रूप मनुष्य के जीवन को प्रभावित करता है और प्रेरणा देता है। श्रीकृष्ण के महामानव और मानव दोनों रूपों को लेखिका ने सुंदर ढंग से लिखा है। यह पुस्तक समाज को शिक्षा देती है।
विशिष्ट अतिथि और समीक्षक डॉ मृणालिका ओझा ने कहा कि यह पुस्तक कृष्ण भक्ति को गद्य और पद्य में प्रस्तुत किया गया है। कृष्ण का व्यक्तित्व सागर जैसा है।इस पुस्तक के माध्यम से श्रीकृष्ण के चरित्र को केंद्र में रखकर समाज को जागृत करने का काम किया गया है।लेखिका डॉ शीला गोयल ने कहा कि विविध अध्ययन और संस्कारों ने मुझे प्रभु कृष्ण पर लिखने के लिए प्रेरित किया। जीवन एक वरदान है और जीवन को उल्लासपूर्ण ढंग से जीने का संदेश श्रीकृष्ण ने दिया है। भजन और गद्य में सकारात्मक जीवन का संदेश दिया है।विशिष्ट अतिथि श्रीमती शताब्दी सुबोध पांडेय ने कहा कि यह ग्रंथ आध्यात्मिक रस से ओतप्रोत है। श्रीकृष्ण को समझने और जानने परखने में यह पुस्तक गाइड की तरह है। डॉ गोयल का साहित्य आत्म कल्याण के साथ राष्ट्र कल्याण को भी प्रदर्शित करता है। प्रारंभ में सुनंदा चौधरी ने संगीतमय सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। सुनंदा चौधरी और शताब्दी पांडेय के मिलकर डॉ शीला गोयल की पुस्तक से एक भजन की प्रस्तुति दी। डॉ जेके गोयल ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री स्वरूपचंद जैन ने एक कविता के साथ कवयित्री को शुभकामनाएं दीं। अतिथियों ने पुस्तक पथ प्रदर्शक देवेश्वर का विमोचन किया। समारोह का संचालन डॉ अरविन्द नेरल ने किया।आभार प्रकट वरिष्ठ लेखक डॉ सुधीर शर्मा ने किया। इस अवसर पर डॉ इंदिरा मिश्रा, सुयोग्य मिश्रा, डॉ चित्तरंजन कर, डॉ रामकुमार बेहार, विजय मिश्रा आदि उपस्थित थे।