December 3, 2024
IMG-20240709-WA0013

■ शहंशाह आलम

ग़ज़ब है भादों, जो मेरे घर को
आधा पानी आधा घर दिखा रहा था
हावड़ा वाले पुल पर से
गुज़र रहे थके राहगीरों को

यह नए अर्थों की बारिश थी
नए मुसाफ़िरों के लिए

शुक्र है कि लड़की मेरे घर का पता
याद करके निकली थी अपने शहर से
मेरे शहर की ओर का टिकट लेते हुए

लड़की की मैत्री मेरे शहर से थी
और बारिश की लड़की से

तभी हावड़ा वाले पुल पर
लड़की चल रही थी
बारिश की ओढ़नी ओढ़े।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *