मुझे तुम्हारे होंठ पसंद हैं …
मुझे तुम्हारे होंठ पसंद हैं
जब वे शराब से भीगे होते हैं
और जंगली चाहत से लाल होते हैं।
मुझे तुम्हारी आँखें पसंद हैं
जब उनमें प्रेम की रोशनी
एक जुनूनी आग सी प्रज्वलित होती हैं।
मुझे तुम्हारे बाजू पसंद हैं
उनका गर्म सफेद मांस
एक प्यारे आलिंगन में चिंगारी होता है।
मुझे तुम्हारे बाल पसंद हैं
जब लटें उलझकर
चुंबन के समय, मेरे चेहरे से टकराती हैं।
एक कुंवारी के रक्तहीन प्रेम से
ठंडे और शांत चुम्बन मेरे लिए नहीं हैं,
मेरे लिए वे किसी साधु की आशीष
या निर्दोष कबूतर के दिल की तरह भी नहीं है।
लेकिन मुझे वह प्यार दो
जो इतनी स्वतंत्रता दे
कि पूरे संसार के तानों पर हंस सके
कि मेरी बांहों में
तुम्हारे नौजवान बदन की गरमाहट
मेरे गरीब दिल में आग लगा देती है।
तो मुझे अपने गर्म नम होंठों से मीठे चुंबन दो,
वे होंठ जो अभी लाल शराब की खुशबू से महकते हैं।
और कहो
कि तुम्हारा शरीर और आत्मा मेरे हैं
और मुझे अपने गर्म जवान आलिंगन में कस लो।
जबकि आकाश में
फीके सितारे चमक रहे हैं
हम अपनी पूरी जवान जिंदगी जिएँगे
एक जीवंत प्यार के आनंद में।
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एला व्हीलर की ये कविता जिस तरह हिंदी में लिखी जा सकी है, उससे अनेक गुणा अधिक भावप्रवण और सुंदर है। मुझे आंग्ल भाषा की समझ नहीं है, इसके लिए पहले से क्षमा मांग रहा हूं। मुझे बस कविताएं प्रिय हैं।
एला का जन्म अठारह सौ पचास में विस्कॉन्सिन में हुआ था। उन्होंने पहली कविता सात साल की उम्र में कही थी। उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता की पुस्तक है “पोएम्स ऑफ़ पैशन” ये वर्ष अठारह सौ तिरासी में प्रकाशित हुई थी।
साभार- Kishore Choudhary