November 15, 2024

अदाएँ तुम बना लेना इशारे मैं बनाऊँगा
तुम्हारे फूल-जज़्बों को शरारे मैं बनाऊँगा

तुम्हारा साथ शामिल है तो फिर तुम देखते जाओ
ज़मीन-ओ-आसमाँ के अब किनारे मैं बनाऊँगा

अगर तुम फ़ैसला कर लो मोहब्बत ओढ़ लेने का
तो फिर उस शाल के ऊपर सितारे मैं बनाऊँगा

तुम्हारा काम इतना है फ़क़त काजल लगा लेना
तुम्हारी आँख की ख़ातिर नज़ारे मैं बनाऊँगा

तुम्हें बस मुस्कुराना है तुम्हें बस गुनगुनाना है
मोहब्बत के लिए नग़्मे तो सारे मैं बनाऊँगा

अगर उस की ये ख़्वाहिश हो कि जू-ए-शीर लाज़िम है
फ़क़त इक बार ‘ख़ालिद’ वो पुकारे मैं बनाऊँगा

ख़ालिद नदीम शानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *