देख लेंगे
जो तुमसे नैन हटा पाए तो चन्द्रमा भी देख लेंगे,
संग तुम्हारे रातें होंगी, और दिन भी देख लेंगे।
तेरी यादों में डूब कर, हम खुद को खो बैठेंगे,
जब तुम पास न होंगे, तो सितारे भी देख लेंगे।
तुमसे बिछड़ने की कोई उम्मीद नहीं थी मगर,
वक्त के साथ वो पल भी सिखलेंगे, देख लेंगे।
हम हैं ख्वाबों में खोए हुए, तुमसे दूर भी सही,
जो कुछ हमने चाहा था, वो खुद भी देख लेंगे।
राहों में तुम हो, हर लम्हे में तुम्हारा असर है,
अगर तुम न आ सको, तो भी रास्ता तुम्हारा देख लेंगे।
अनामिका दूबे “निधि”