हल्दी का हलवा
“हल्दी का हलवा”नाम लेते ही मांँ की याद आ जाती है। ये हलवा आम हलवे की तरह तो है नहीं, कि कढ़ाई चढ़ाई और भून-भान कर आधे घंटे में बना लिया। इस हलवे को बनाने की सोच कर ही कितनी तरह की तैयारियां मन में चलने लगती है और याद आती है मां के द्वारा बताई गई रेसिपी… । फिर मुसीबत तब और बड़ी हो जाती है जब नजर आता है कि मां तो अब हैं ही नहीं। बहरहाल, बचपन में तो कितनी बार खाया है, लेकिन याद और स्वाद तो ताजी है तभी की, जब 2010 में मांँ के हाथ का बना हलवा खाया था।
जब बेटे का जन्म हुआ था तब माँ पाँच किलो वाले बड़े डब्बे में हल्दी का हलवा तैयार करके माँ लाईं थीं जिसे फ्रीज़ में रखकर महीने दिन तक खाया था। तब ये नहीं मालूम था कि मांँ के हाथों से बना ये हलवा आखिरी बार खा रही हूं।
तब कुछ भी बनाने में लगता कि मांँ है ही तो ये सब मैं क्या बनाऊंगी..मांँ से बेहतर बना सकना तो सम्भव ही नहीं। लेकिन मांँ की रेसिपी को याद करते हुए पिछले दो- तीन साल सर्दियों में जब बनाया तो पतिदेव, जो इस हलवे के नाम से ही मुंह बिचका दिया करते थे, ने भी स्वाद लेकर खाते हुए मुझे फूल मार्क्स दे डाले। बल्कि रुटिन से रोज सुबह बड़े शौक से खाया करते थे। कड़वाहट का अहसास बिल्कुल ही न मिलने के कारण बेटा भी मज़े-मजे़ में खा लेता था। आख़िर ऐसी पौष्टिक चीज जब स्वाद में भी किसी मिठाई से कम न लगे, तो क्यों न खाए कोई? और इसे खाया भी तो बीस से पच्चीस दिनों तक (फ्रीज में रख कर) जा सकता है।
हालांकि परिस्थितियांँ हर साल एक-सी नहीं होती। इसीलिए तो मीठा पसंद करने वाले राकेश जी को ईश्वर ने मधुमेह के साथ ही कुछ बिमारियों का चक्र चलाकर मीठे से परहेज़ करवा दिया।
ख़ैर यही जीवन है जिसमें स्वाद को लेकर भी धूप-छांव चलता रहता है।
कुछ मित्रों और Vaibhav Prakashan के आग्रह पर इसी हल्दी के हलवे को बनाने की अपनी रेसिपी नीचे शेयर कर रही हूं:
आवश्यक सामग्री
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हल्दी 250 ग्राम
गुड़़ 750 ग्राम
छुहारे रात भर भिगोए हुए 1/2 किलो
दूध 2 लीटर जिसमें एक लीटर का मावा बना लें।
काजू बारीक कटा हुआ 1 या 2 बड़ा चम्मच
बादाम बारीक कटा हुआ 1/2 बड़ा चम्मच
काजू और बादाम को थोड़ा पीस कर पाउडर बना लें।
किशमिश 2 बड़ा चम्मच
पिसा हुआ सूखा नारियल 2 बड़ा चम्मच
सफेद मिर्च दो चम्मच
खसखस चार चम्मच दूध में भिगोए हुए
मखाना 1 कप पाउडर बना हुआ और थोड़ा साबूत ही
बादाम और काजू एक कप जिसमें थोड़े काट कर और थोड़े पीसकर
सरसों तेल चार चम्मच
चुटकी भर साबुत जीरा
घी 250 से 300 ग्राम
वैसे तेल और घी अपनी आवश्यकतानुसार दें।
इलाइची पाउडर 1/4 छोटी चम्मच
सौंफ पाउडर, सौंठ पाउडर 1/4 छोटी चम्मच
सजावट के लिए :
काजू
सूखा कतरा हुआ नारियल
बादाम
पिस्ता
और भूना हुआ मखाना
निर्देश:-
छुहारे के बीज निकाल कर रात भर के लिए दूध में भीगो लें और सुबह पेस्ट बना लें। पेस्ट बनाने के लिए छुहारे के दूध का ही इस्तेमाल करें। इसे एक तरफ रख दें।
अब एक कड़ाही में घी और थोड़ा सरसों तेल डाल कर आधा चम्मच जीरा डाल कर चटकने दें। हल्दी को तब तक भूनें जब तक वो घी और तेल न छोड़ दे।
फिर एक अलग कड़ाही चढ़ाकर उसमें घी डालकर पीसे हुए छुहारे को भूनें
अब इसमें दूध डाल कर उबलने दें।
दूध जब गाढ़ा हो जाए तो भूने हुए छुहारे का पेस्ट मिला दें और उसे थोड़ी देर सूखने दें।
जब यह सूख जाए तो गुड़, दूध का बना खोया या मावा काजू, पिसा हुआ सूखा नारियल, किशमिश और बादाम मिला दें।
जब हलवा गाढ़ा हो जाए तो थोड़ी देर गैस की आंच धीमी करके भूनें और भूनने के क्रम में घी कम लगे तो दो से चार चम्मच घी और मिला दें। उसके बाद सौंफ पाउडर और सौंठ पाउडर मिला दें। फिर अंत में जब हलवा घी छोड़ दे तब इलायची पाउडर मिलाकर गैस बंद कर दें।
हल्दी का हलवा तैयार है।
अंत में इसे कटे हुए काजू, बादाम थोड़े किशमिश और घिसे हुए नारियल से सजाकर गर्मागर्म परोसें।
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आकांक्षा प्रिया