क्यूँ ही देखी भाली दुनिया
क्यूँ ही देखी भाली दुनिया
है कितनी जंजाली दुनिया
बेसुध सा कर के रखती है
ख़ुसरो की क़व्वाली दुनिया
अपना आपा आप ही देखो
कुछ नहीं करने वाली दुनिया
जो दिल की सुनने वाले हैं
उनको देती गाली दुनिया
सिमट गये हम ख़ुद के अंदर
हमने ऐसे टाली दुनिया
दिखती है ये भरी सी लेकिन
सचमुच कितनी ख़ाली दुनिया
मन आये जो कर देती है
एक हाथ की ताली दुनिया
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डॉ.पूनम यादव