लेखिका शुक्ला चौधरी के प्रति श्रद्धांजलि के साथ उनकी एक कविता
पिता
पिता ने
आँखें बंद कर कहा
नहीं-नहीं
बेटी को किसी
जानवर ने नोचा होगा
बंदर,भालू या भेड़िया
ये मनुष्य का काम नहीं
तुम ठीक से देखो
होठों को देखो
गालों को देखो
मांस उखड़े हुए हैं
जहां तहां
काला पड़ गया शरीर
सांप ने काटा होगा या
अजगर ने मरोड़ दी होगी
बेटी का नाज़ुक शरीर
उफ्फ
मेरी बेटी की
गोरू दुहती
दूध वाली उंगलियां
इतनी काली
क्यों है ??