बात धर्म की आते ही कट्टर हो जाते हैं…
बात धर्म की आते ही कट्टर हो जाते हैं
अच्छे-अच्छे इंसां भी पत्थर हो जाते हैं
कैसी पूजा और इबादत करते हैं कुछ लोग
जिसको करके भी बद से बदतर हो जाते हैं
पूजा भीतर सोई करुणा तक पहुँचाती है
धीरे-धीरे लोग वही बेहतर हो जाते हैं
हाथ जोड़ने भर से ही भगवान नहीं मिलते
वो आते जब दिल से हम सुंदर हो जाते हैं
धर्म बाद में आये पहले करें देश-पूजा
पंकज वे ही लोग यहाँ ईश्वर हो जाते हैं
गिरीश पंकज