छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्व तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी… आगे तिहार जेठोनी के
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पारंपरिक पर्व देवउठनी एकादशी तुलसी विवाह को लेकर इन दिनों शहर सहित अंचल में गन्ने का बाजार सजने लगा है,तथा देवउठनी एकादशी दीपावली पर्व के बाद आती है,एवं एकादशी के बाद से ऐसा माना जाता है कि मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है, तथा यह पर्व छत्तीसगढ़ में बड़े हर्षउल्लास के साथ एवं धूमधाम के साथ मनाया जाता है, एवं इस वर्ष भी देवउठनी एकादशी पर्व को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है
देवउठनी एकादशी तुलसी विवाह को लेकर प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. विनय कुमार पाठक बिलासपुर ने अपनी कुछ पंक्तियां प्रस्तुत की है
आगे तिहार जेठोनी के
तुलसी मंडवा गड़ाना हे,
कुसियार में सजाना हे।
सालिक राम संग बिहा के,
वृंदा के सती बचाना हे।।
पथरा तार के बनगे पथरा ,
तुलसीमाई के धरे अंचरा ।
कथा कहानी बताये हे,
नोहय जी ये ह मुँह अंखरा।।
करम भुगतना सब ल परथे,
का मनखे का भगवान ।
गरब गुमान सब छोड़व,
बनव सुग्घर इनसान ।।
देवता मन ह जागिन हे,
तुंहर जागे के पारी हे।
अवईया जेठोनी के जम्मो संगवारी मन ल अगुवा के बधई पठोवत हंव संगवारी हो।
जय जोहार|