November 22, 2024

शह्र में ये कौन है आया हुआ,
कारवां उसका है क्यूं उजड़ा हुआ।

मुझसे वो क्यूं दूर अब रहने लगा,
तन्हा दिल में सहरा है फैला हुआ ।

अब कबूतर के ठिकाने गुम हुए,
वो बसेरा इतना क्यूं उजड़ा हुआ ।

ये सियासतदान अब तो बख्श दें,
मुल्क का मौसम है अब बिगड़ा हुआ ।

तेज़ थी आवाज़ दिल ये टूटा जब,
हर तरफ़ सन्नाटा क्यूं पसरा हुआ।

वो कभी तो अंजुमन में बैठते,
दिल दुखाए कितना तो अरसा हुआ ।

दिलीप ‘ तसव्वुर ‘

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