कलकत्ता
कलकत्ते में कभी
जंगल भी थे
पेड़ भी थे विशाल
पौधे भी थे औषधियो के
सांप भी थे
बिच्छूभी थे
खरगोश और गिलहरी भी
विकास बाबू ने जबसे
यहाँ अनियतकालिन के
लिए धरना दिया है
बन गया साल्ट लेक
न्यू टाउन, सापूर्जी, राजारहाट
साँप और बिछुओ
को भी विकास बाबू ने
दिलवाया फ्लेट, कॉम्प्लेक्स
पेड़ पौधे आ गये
बालकनी के गमले में?
डॉ. राम प्रवेश रजक
सहायक प्राध्यापक
हिन्दी विभाग, कलकत्ता विश्वविद्यालय
कोलकाता- 73
E-mail-rajak.ram2010@gmail.com
Mob- 9800936139