November 23, 2024

कैसे मिली थी हमें आज़ादी,
ज़िन्दगी में आई थी आधी राति।
कितने खून बहा ले गई,
क्रांतिवीरों के खून से,
रंगी माँ की छाती।
भूल न जाना वो आधी राति
कैसे मिली थी हमें आज़ादी।
स्वतंत्रता का दिवस मनाते,
तिरंगा आसमां पर लहराते।
तिरंगे की ये शान है भाती।
भूल न जाना वो आधी राति
कैसे मिली थी हमें आज़ादी।
दुनियां भर में यश फैलाएँ,
अपने देश का जश गाएँ।
सोने की चिड़िया कहलाती,
इसकी बढ़ती जाए ख्याति।
भूल न जाना वो आधी राति
कैसे मिली थी हमें आज़ादी।
कैसे मिली थी हमें आज़ादी।

#Prakriti_ Dipa Sahu (chhattisgarh)

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