छत्तीसगढ़ दर्शन
सादगी के साथ जनसेवा,
राज्य शाशन का मूल मंत्र हैं।
परित्राणाय साधुनाम,
ऐसा हमारा पुलिस तंत्र हैं।
उच्चन्यायालय बिलासपुर में।
हमारा सविधान रायपुर में।
लोकसभा में 11 सीट,राज्यसभा में पाँच,
संविधान पर आए न आँच।
146 अपना विकासखण्ड,149 तहसील,
1955 में बना भिलाई प्लांट स्टील।
2करोड़ की जनसँख्या में,
हर धर्म की तस्वीर।
छतीसगढ़ धान का कटोरा,
ऐसी सुनहरी हमारी तकदीर।
11 अभ्यारण्य,3राष्ट्रीय उद्यान,
धान गेंहू ज्वार बाजरा अपने खाद्यान्न।
पहला दैनिक अखबार,
1951 महाकौशल समाचार,
देश दुनिया की जानकारी,
फैलाए सदाचार।
1861 से चला आ रहा संग्राम,
कितने लोगों ने देखा ख्वाब,
तो आए ये अंजाम।
डॉ प्यारेलाल,सुंदरलाल शर्मा,
डॉ छेदीलाल,घनश्याम सिंह गुप्ता,
ठाकुर रामकृष्ण,और खूबचंद बघेल,
सबका योगदान हुआ,
रंग लाया इनका मेल,
1 नवम्बर 2000 छत्तीसगढ़ आया प्रकाश में,
उगा नया सूरज इस नवप्रभात में,
पहाड़ी मैना की मीठी चहचहाहट,
राजकीय पशु वनभैंसा की आहट,
साल वृक्ष इन वनों में फैला,
बादलों की गूंजे गड़गड़ाहट।
प्रतीक चिन्ह अपना गोलाकार
मध्य में अशोक स्तंभ,नीचे,
सत्यमेव जयते,आदर्श वाक्य का प्रकार
धान की सुनहरी बालियाँ,
भरपूर ऊर्जा का प्रतीक,
साथ में राष्ट्रध्वज के तीन रंग,
नदियों को रेखाँकित करती लकीर,
छतीसगढ़ का खजुराहो,भोरमदेव,
महानदी,पैरी ,सोंढूर,पर राजिम महादेव,
रतनपुर तालाबो का शहर,
छत्तीसगढ़ का काशी खरोदनगर,
चैतुरगढ़, छत्तीसगढ़ का काश्मीर,
बहती शीतल ठंडी समीर,……
…..
गुणगान करू मैं करती जाऊँ,
क्या क्या मैं और सुनाऊ..
खत्म न होंगें गुणगान इसके,
बस मैं छत्तीसगढ़ की जय जय गाती जाऊँ…..
दीपा साहू “प्रकृति”
रायपुर (छत्तीसगढ़)