इस सदी का बाईसवाँ साल
हमारी पीढ़ी,
जिसने युग को
करवट लेते देखा है
अपने पैरों चलकर
जिसका स्वागत किया है,
अभिभूत है
ईश्वर की आभारी है
और उसे अपने बड़ों से
आशीर्वाद लेने की बीमारी है!
आशीषित भवः
तथास्तु🙌
ध्यान से सुन
ओ हमारी अगली पीढ़ी…
इस सदी का बाईसवाँ साल
नये संतुलन बना रहा है,
नये पंख लगा रहा है,
इन पंखों से बँधी डोर
अपने हाथ में रखना…
लालच की चमकीली पोटली
धैर्य धर परखना,
प्यार विश्वास मानवता की जोत
दोनों हथेलियों की सुरक्षा में
जलती रहे,
ईश्वर से प्रार्थना है हमारी
कि,
गयी पीढ़ी को ऊर्जित
व नयी पीढ़ी को आशीषित रखें!
निर्मला सिंह