November 23, 2024

जन्मदिन (10 फरवरी) पर सुरेशचन्द्र शुक्ल के अवदान पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

0

10 फरवरी को लखनऊ में जन्मे सुरेशचन्द्र शुक्ल के जन्मदिन पर अनेक देशों के साहित्यकार उनके साहित्यिक अवदान पर चर्चा कर रहे हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिल जोशी, डॉ दीपक पाण्डेय, अध्यक्षता कर रहे हैं प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा एवं संचालन सुवर्णा जाधव।

जो विद्वान सुरेशचन्द्र शुक्ल के साहित्यिक अवदान पर चर्चा कर रहे हैं उनमें लखनऊ विश्वविद्यालय में हिन्दी के विभागाध्यक्ष प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह, प्रो. कृष्णा जी श्रीवास्तव, शकुन्तला मिश्रा दिव्यांग विश्वविद्यालय के हिन्दी के विभागाध्यक्ष प्रो. बीरेन्द्र सिंह यादव, बाबासाहेब भीमराव विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रो. रिपुसूदन सिंह, डॉ. विद्याविंदु सिंह, प्रसिद्ध कथाकार शिवमूर्ति, हास्य कवि सूर्य कुमार पाण्डेय, डॉ. मंजू शुक्ला, हिमाचल विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो हरमोहिन्दर सिंह बेदी, वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य, लखनऊ मूल के सुरेशचन्द्र शुक्ल ने प्रवासी साहित्य को एक नया आयाम दिया है, जो गत चार दशकों से नार्वे में भारतीय संस्कृति और हिन्दी की सेवा कर रहे हैं।
34 वर्षों से स्पाइल-दर्पण पत्रिका द्वैमासिक, द्वैभाषी पत्रिका का सम्पादन कर रहे सुरेशचन्द्र शुक्ल ने हनुमान चालीसा, राम स्तुति, गुरु महिमा, गुरु ग्रन्थ साहेब, कबीर, सूर आदि के साहित्य के कुछ अंशों का अनुवाद नार्विजन भाषा में किया है। नार्वे की लोककथाओं, कविताओं, हेनरिक इब्सेन के नाटकों, क्नुत हामसुन की भूख तथा डेनमार्क के एच सी अंदर्ससन की कथाओं का भी अनुवाद किया है।
लखनऊ में सुरेशचन्द्र शुक्ल के अनेक नाटकों का मंचन फ़िल्माचार्य आनन्द शर्मा के निर्देशन में हो चुका है।
ब्रिटेन से जय वर्मा, हालैंड से लखनऊ मूल के प्रो मोहनकान्त गौतम, अमेरिका से डॉ. राम बाबू गौतम, अशोक सिंह और बबिता श्रीवास्तव, कनाडा से श्रीमती निर्मल जसवाल राना और नीरजा शुक्ला भाग लेंगी और परिचर्चा में हिस्सा ले रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *