लघुकथा : दूसरी शादी
सौ बीघा जमीन के मालिक रामनाथ की जिंदगी बड़ी रूखी -सूखी सी गुजर रही थी । खेतीवाड़ी को नौकर चाकर संभाल रहे थे । उनके तमाम अन्य रोजगार धंधे भी थे, सो कहां फुर्सत थी खेतों की धूल फांकने की । घर में दो जवान बेटीं, एक चौदह साल का बेटा था । अन्न-धन से घर भरा पूरा था परंतु फिर भी रामनाथ खुश न थे । कारण, दो साल पहले उनकी पत्नी स्वर्ग सिधार गई, बस तभी से उनकी खुशी छूमंतर हो गई ।
दिन तो गुजर जाता पर रात उनको काट खाने को दौड़ती । सारी रात करवटें बदलते हुए काटनी पड़ती ।
एक दिन उन्होंने दूसरी शादी करने का निश्चय कर लिया । रामनाथ के परिजनों व रिश्तेदारों ने मना किया, क्या करोगे इस उम्र में शादी करके तुम्हारी संतानें जवान हैं, उनकी उम्र है शादी करने की ।
परंतु रामनाथ ने किसी की न सुनी और एक गरीब बाप की बेटी से शादी कर ली जो उसकी खुद की बेटी की उम्र की लड़की थी । कसा हुआ बदन, भरा हुआ चेहरा और छाती… रामनाथ की दूसरी पत्नी गांव में चर्चा का विषय बन गई ।
समय बीता… रामनाथ निचुड़ गये और एक दिन खांसते-खांसते पहली पत्नी के पास चले गये ।
रामनाथ तो चले गये पर जाते-जाते चार जिंदगियों के जीवन में बड़े-बड़े कांटे बो गये । उनके घर में रोज लड़ाई -झगड़ों के बम फूटते रहते हैं…।
० मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
ग्राम रिहावली, डाक घर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, उत्तर प्रदेश 283111