November 24, 2024

सांस-सांस समर्पित,
मेरे प्राण समर्पित ।
है निवेदन !
करो स्वीकार
रक्त का कण -कण ।

न झुकने दूंगा भाल,
मैं बनूंगा निर्बलों की ढाल ।
हे भारत माता !
मेरा तन समर्पित,
मेरा मन समर्पित ।

हरगिज न डरूं,
कर्त्तव्यपथ पर निरंतर चलूं ।
है युद्ध मेरा !
आस्तीन में छिपे सांपों से
दूं फन इनका कुचल,
मैं हो जाऊं इतना कुशल ?

मेरे देश की धरती,
तुझ पर यह शीश समर्पित,
मेरा सर्वस्व अर्पित ।

० मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
ग्राम रिहावली, डाक घर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, उत्तर प्रदेश 283111

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